लेखनी कहानी -29-Jun-2022 बदलते रिश्तो की तस्वीर
#बदलते रिश्तो की तस्वीर
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कुछ रिश्ते मधुर सरीखे से,
कुछ चुभते कंटक तीखे से,
कुछ रंग में अपने ढल जाते,
कुछ रंगहीन कुछ फीके से,
कुछ रिश्ते रक्त के होते हैं,
जीवन भर उन्हें संजोते हैं,
दिल के टुकड़े कर जाते हैं,
रिश्ते खून के ही सताते हैं,
जग की बदली है तकदीर,
बदलते रिश्तो की तस्वीर,
है नवयुग की ये अदाकारी,
बदलते रिश्तो की चिंगारी,
धुंधली आंखें कर जाती हैं,
भावनाएं झुलस जाती हैं,
संवेदनाएं मन के कुएं मे,
चिंगारी के उस धुंए में,
पलके भीगी कर जाते हैं,
कुछ रिश्ते बड़े सताते हैं,
साम दाम दंड और भेद,
संबंधों के आड़े खेद,
क्रोध व शक की व्याधि ,
करें उम्र रिश्तो की आधी,
विश्वास प्रेम सम्मान की दौलत,
के आगे फीकी सब शौहरत,
है कच्चे रिश्तो की जंजीर,
है बदलते रिश्तो की तस्वीर,
आजकल के रिश्ते भैया,
न समझे कभी ह्रदय की पीर,
संगीता वर्मा ✍️...💞
Seema Priyadarshini sahay
01-Jul-2022 10:30 AM
बेहतरीन रचना
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Gunjan Kamal
30-Jun-2022 01:39 AM
शानदार
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Rajeshwari thakur
29-Jun-2022 10:39 PM
लाजवाब अभिव्यक्ति
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